The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing

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Shodashi’s mantra encourages self-self-discipline and mindfulness. By chanting this mantra, devotees cultivate larger control about their feelings and actions, leading to a more conscious and purposeful method of lifetime. This benefit supports private advancement and self-discipline.

ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥

The reverence for Goddess Tripura Sundari is evident in how her mythology intertwines Using the spiritual and social material, featuring profound insights into the nature of existence and the path to enlightenment.

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

This mantra can be an invocation to Tripura Sundari, the deity currently being dealt with During this mantra. It is a request for her to fulfill all auspicious needs and bestow blessings upon the practitioner.

प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥

षोडशी महाविद्या get more info प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

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दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।

लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते

हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।

श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं तां वन्दे सिद्धमातृकाम् ॥५॥

यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।

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